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उत्सव / विष्णुचन्द्र शर्मा

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नदी ने कहा: नाचो स्कॉट,
गाना मैं गाऊँगी।
पर्वत ने कहा: नाचो स्कॉट
बाजा मैं बजाऊँगा।
जंगल ने कहा: ठहर कर।