उपहार / बैर्तोल्त ब्रेष्त / सुबीर मालाकार
सैनिक की पत्नी ढक्कन खोल अवाक
बूढ़े शहर प्राग ने भेजा है उपहार
एक जोड़ी ऊंँची ऐड़ीवाली ख़ूबसूरत जूती
बूढ़े शहर प्राग ने सौंपी है साभार
सैनिक की बीवी खोल रही धीरे-धीरे
सागर पार से क्या भेजा असलो ने
आदमी ने भेजी फ़र की क़ीमती टोपी
ख़ुशी से पागल अर्मानी ।
सैनिक की बीवी अवाक होकर सोचती है
ब्रासेल्स फिर इतना रंगदार, शौकीन
गजब की लेस भेजी है डाक से
आज का दिन बहुत अच्छा बीतेगा
सैनिक की पत्नी बहुत ही भाग्यशाली है
पारी की रोशनी से आँखें चौधियाती हैं उसकी
फ़ैशन स्वर्ग की रेशमी कुरती से
शौक पूरा हुआ है उस वामा का
सैनिक की बीवी आराम से आँखें बन्द कर लेती है
दूर बुखारेस्ट ने भेजा है ब्लाउज
जिसे उसके आदमी ने खोज-खोज कर पाया है
रंग और नक़्शे में दिलबहार
नाज़ी सेनानी की बीवी हक्का-बक्का
बरफ़ ढँके रूस देश का उपहार
तुषार धवल देश ने उसके नाम भेजा
सद्य विधवा का काला लिबास
अंग्रेज़ी से अनुवाद : सुबीर मालाकार