उभयचर-20 / गीत चतुर्वेदी
जब मैं कहता हूं कि अठारहवीं सदी में मनुष्य के आकार की एक लिपि हुई थी जिसे लोग तीतू मियां कहते थे : तो पढऩे-लिखने के शौक़ीन मेरे दोस्त मानते हैं : कि कुछ नया पढ़ा रहा हूं इन दिनों : मैं उसे नहीं जानता आप भी नहीं जानते और हद है कि साला गूगल भी नहीं जानता : इंटरनेट पर मैं जैसे बैठता हूं ठीक वैसे ही अपनी लाइब्रेरी में कभी बैठते होंगे बोर्हेस : और इसी तरह मनुष्य के आकार की लिपियों को पढऩे की कोशिश में खो दी होगी उन्होंने दृष्टि : बायोग्राफिए बताते हैं कि उनके पिता ने भी वैसे ही खोई थी : उनके पिता भी कुछ वैसी ही गुप्त कोशिश कर रहे थे शायद : कुछ कोशिशों की आनुवंशिकता मिटाए नहीं मिटती : जैसे मेरा एक पुरखा रीवा की रियासत में फ़ारसी में शेर पढ़ता था : मेरा परदादा संस्कृत में श्लोक बुना करता था : मेरा दादा फि़ल्मों में गीत लिखने के लिए भागकर मुंबई पहुंचा था : मेरे पिता फाउंटेन पेन से लिखी कविताओं की कापी में पानी से फैल गए अक्षरों को याद करने का प्रयास करते हैं : मैं अपनी कविताओं को खोने से बचाने के लिए हार्ड डिस्क पर नहीं रखता, ई-मेल पर अपलोड कर देता हूं : इस तरह हम सब कविता की एक आनुवंशिक कोशिश में रहे : और हम सब असफलता की आनुवंशिकता को प्रसारित करते रहे : और असफलता ही मात्र ऐसी वस्तु है जीवन में जिसे चुना नहीं जा सकता : तीतू मियां भी नहीं चुना करते थे : यह 1790 के आसपास का चरित्र है जो बंगाल का एक मशहूर पहलवान था : ज़मींदारों के बीच उठना-बैठना प्यारा शग़ल था : और ज़मींदारों में अक्सर झगड़े होते थे : जिस तरफ़ हो जाते तीतू मियां उसका जीतना तय था : तो जीत के लिए उन्हें अपनी ओर करने की भरपूर कोशिश की जाती और कई बार तो झगड़ा ही इसी कोशिश के कारण होता : ऐसे ही अदला-बदली के एक खेल में उन्हें जेल हो गई : जेल से छूटकर आए तो उन्होंने ख़ुद को बहुत बूढ़ा महसूस किया और हज पर चले गए : लौटते हुए वहाबियों से उनकी मुलाक़ात हो गई और 1857 से भी साठ साल पहले उन्होंने अंग्रेज़ों के खि़लाफ़ विद्रोह कर दिया : वह चाहते थे कि उनके पुराने ज़मींदार साथी भी उनकी तरफ़ हो जाएं लेकिन उनका विद्रोह धीरे-धीरे किसान विद्रोह में परिवर्तित हो गया : और ज़मींदारों की संभावित दिलचस्पी जाती रही : सो वे ज़मींदार जो उनके इस या उस तरफ़ होने-भर से लड़ाइयां हार जाया करते थे : इस बार मिल-जुलकर उनके खि़लाफ़ हो गए और सिर्फ़ अपने इधर या उधर हो जाने-भर से लड़ाइयां जीत लेने वाले तीतू मियां जब किसानों की तरफ़ हुए तो लड़ाई हार गए : इतिहास हमेशा भाग्यवाद की उत्पत्ति करता है और इतिहास दरअसल ख़ुद भाग्यवाद के सिवाय कुछ नहीं होता : तो तीतू मियां की जीतें जिनका कोई ख़ास जि़क्र इतिहास में नहीं मिलता वे भाग्य की उत्पत्ति मानी जाती थीं : और जो उनकी हार थी जिसका कोई ख़ास जि़क्र इतिहास में नहीं मिलता वह उनकी भाग्यविधाता बन गई : हारने के बाद तीतू मियां किस ओर हुए : और जिस ओर हुए क्या उस ओर की जीत हुई थी : ऐसा कोई सवाल गूंजता ही नहीं क्योंकि उस आखि़री हार ने उनका मिथक तोड़ दिया था : जिस उम्र में यहां या वहां हो सकते थे उस उम्र को उन्होंने मौज में उड़ा दिया : और एक तरफ़ होने का उनका आखि़री फ़ैसला कितनी देर से आया उनके जीवन में : तीतू मियां ख़ुद किस आनुवंशिकता से आए यह नहीं पता : लेकिन वे सारे लोग जो देर से जागते हैं वे सब तीतू मियां की आनुवंशिकता के उत्तराधिकारी हैं यह बात शिद्दत से महसूस होती है मुझे : जो यह नहीं समझ पाते कि टूटना मिथ की नियति होती है : एक मिथ हज़ार दूसरे मिथों की रचना करता है :