भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उस लड़के की याद / शुभम श्री
Kavita Kosh से
तीन दिन की शेव में
हर लड़का हॉट लगता है
(ऐसा मेरा मानना है)
और जिम के बदले
अस्पताल में पड़ा हो हफ़्ते भर
तो आँखें दार्शनिक हो जाती हैं
पीली और उदास
जलती हुई और निस्तेज
बिना नमक की हँसी और सूखी मुस्कुराहटें
चले तो थक जाए
भरी शाम शॉल ओढ़ कर शून्य में ताके
एक बार खाए, तीन बार उल्टी करे
दुबक जाए इंजेक्शन के डर से
उस लड़के के उदास चेहरे पर हाथ फेरती लड़की
मन ही मन सोचती है
मैं मर जाऊँ पर इसे कुछ न हो
बीमार लड़के प्रेमिकाओं पर शक करने लगते हैं
मन नहीं पढ़ पाते बीमार लड़के