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उसको अपना बना लिया मैंने / कैलाश झा 'किंकर'

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उसको अपना बना लिया मैंने
प्यार में सिर झुका लिया मैंने।

बात निकली ज़ुबान से ज्यों ही
दिल से पहरा हटा लिया मैंने।

बढ़ रहे थे क़दम जो उल्फ़त के
फूल से दिल सजा लिया मैंने।

साथ चलने का हुनर आता है
उसका ग़म ख़ुद उठा लिया मैंने।

कौन "किंकर" से रूठ पाएगा
सबको दिल में बसा लिया मैंने।