ए हाँ सिलत पताल चढ़ि गदवा रोपिले / भोजपुरी
ए हाँ सिलत पताल चढ़ि गदवा रोपिले, पाकय सिरिजेले डाढ़,
ताही डाढ़ चढ़ी बोले जगदम्मा, लचरी-लचरी करे डाढ़, गे देवी।।१।।
एक डाढ़ पुरुष गइले, छेंकी लेल पुरुब दुआर गे देवी।
सिला त पाताल चढ़ि गदवा रोपिले, पाकड़ सिरिजेलै डाढ़, गे देवी।।२।।
एक डाढ़ फूटी पछिम गइले, छेंकि लेले पछिम दुआर,
ताहि डाढ़ चढ़ी जगदम्मा, लचरी लचरी करे डाढ़, टूटहीं-टूटहीं करे डाढ़।।।३।।
सिल त पाताल चढ़ि गदवा रोपिले, पाकड़ सिरेजेलै डाढ़,
ताही डाढ़ चढ़ी जगदम्मा, लचरी लचरी करे डाढ़ टूटहीं-टूटहीं करे डाढ़।।४।।
सिल त पाताल चढ़ि गदवा रोपिले, लचरि-लचरि करे डाढ़।
एक डाढ़ फूटी उत्तर गइले, छेकी लेले भीम के दुआर, गे देवी।।५।।
सिल त पाताल चढ़ि गदवा रोपिले, पाकड सिरिजेल डाढ़,
एक डाढ़ फूटी दखिन गइले, छेंकी लेले गंगा के दुआर,
लचरि-लचरि करे डार गे देवी, टूटहीं-टूटहीं करे डार।।६।।