एक और जन्म / फरोग फरोख़ज़ाद / श्रीविलास सिंह
मेरी समूची आत्मा है एक अबूझ छंद
तुम्हें दोहराती अपने आप में
ले जाती तुम्हें
प्रस्फुटित और पुष्पित होने की अनंत भोर तक
इस छंद में, मेरी निःश्वास में हो तुम, आह इस छंद में
मैंने किया है तुम्हें प्रतिरोपित वृक्षों में, अग्नि में और जल में।
संभवतः जीवन है
एक लंबी सड़क जिस पर से गुजरती है
रोज टोकरी लिए एक स्त्री
संभवतः जीवन है एक रस्सी जिसके सहारे किसी डाल से
लटक जाता है कोई व्यक्ति स्वयं ही,
संभवतः जीवन है स्कूल से घर लौटता हुआ
एक बच्चा।
संभवतः जीवन है सिगरेट सुलगाने जैसा
प्रणय के दो क्षणों के बीच का
नशीला अंतराल
अथवा अपनी हैट के सिरे को छूते
किसी व्यक्ति का विभ्रमित गुजर जाना
किसी दूसरे व्यक्ति को सुप्रभात कहते हुए
भावशून्य मुस्कराहट के साथ।
संभवतः जीवन है वह प्रतिबंधित क्षण
जब मेरी दृष्टि लय हो जाती है तुम्हारी आँखों की
पुतलियों में
और इसमें निहित है एक अर्थ
जिसे मैं मिला दूँगी चंद्रमा की अनुभूति से
और अंधेरे को ग्रहण करते
अकेलेपन के आकार के कक्ष में
मेरा हृदय
प्रेम का एक विस्तार
देखता अपनी स्वयं की प्रसन्नता के सीधे सरल बहानों को,
और गुलदानों में फूलों के मुरझाने की सुंदरता को,
तुमने रोपा है जिस पौधे को फूलों की क्यारी में,
नन्ही चिड़ियों के गानों को
जो गाती हैं खिड़की के विस्तार में
आह
यह मेरा हिस्सा है
यह मेरा हिस्सा है
मेरा हिस्सा
है एक आकाश, जो छिन जाता है मुझसे
एक पर्दे के गिरते ही
मेरा सब कुछ पतित हो रहा
परित्यक्त सीढ़ियों से
किसी वस्तु के साथ क्षय और विषाद में सम्मिलित
मेरा सब है एक आनंदहीन यात्रा
स्मृतियों के उपवन में
और मर जाना एक आवाज़ के शोक में
जो कहती है मुझसे
"मुझे प्रेम है
तुम्हारे हाथों से"
मैं रोपूंगी अपने हाथ
फूलों की क्यारी में
फूटेंगे अंकुर, मैं जानती हूँ, मैं जानती हूँ, मैं जानती हूँ
और गौरैया अंडे देंगी
मेरी स्याही से रंगी उंगलियों के निर्वात में
मैं पहनूँगी लाल चेरी के कर्णफूल
अपने कानों में
और मेरी नाखूनों पर सजी होंगी पंखुड़ियाँ डहलिया की
एक अंधेरी गली है
जहाँ वे लड़के, जो थे कभी मेरे प्रेम में
बिखरे बालों, पतली गर्दन और कृश पैरों वाले,
अभी भी सोचते हैं एक छोटी सी लड़की की
मासूम मुस्कराहट के बारे में
जो एक रात उड़ गयी थी हवा में,
एक अंधेरी गली जिसे मेरे हृदय ने
चुरा लिया है मेरी बचपन की जगहों से
समय की रेखा के साथ
यात्रारत एक आयतन
और समय की वंध्या रेखा को गर्भित करता
एक आयतन
एक परिमाण जो सचेत है एक छवि के प्रति
आईने के उत्सव से लौटते हुए
इसी तरह
कोई मर जाता है
और कोई जीवित रह जाता है
किसी मछुआरे को नहीं मिलेगा मोती
किसी गड्ढे की ओर बह रही छोटी सी धारा में
मैं जानती हूँ एक छोटी जलपरी को
जो रहती है सागर में
धीरे से, कोमलता से फूँकती
अपने हृदय के स्वर लकड़ी की बाँसुरी में,
बेचारी दुःखी जलपरी
जो मर जाती है रात में एक चुम्बन के साथ।