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एतय के जिबैत अछि अनन्तकाल / सुमन पोखरेल
Kavita Kosh से
नहिये बोझि आनय के भार
नहि त बोझ पठबय के दुःख
जेकरा एबाक चाही, अबैत अछि
जीवन
उमेर
समय।
जेकरा जेबाक चाही, जाइत अछि
समय
उमेर
जीवन।
अनन्त युगक वास्ते
जिबय के अछि
अस्तित्वक एहि ठाम ठाढ भेनाय।