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एते दिन बाजय कोइली भोर भिनसरबा, आइ किए बाजय आधी राति हे / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
एते दिन बाजय कोइली भोर भिनसरबा, आइ किए बाजय आधी राति हे
कोइली सबद सुनि पिया मोरा जागल, तखने चलल परदेश हे
घरसँ बहार भेली सुहबे से कनियां सुहबे, धय लेल पिया के पछोर हे
अपने तऽ जाइ छी पिया देश रे विदेशबा, हमरो के कहाँ छोड़ने जाइ हे
नहिरा मे छथि धनि माय-बाप-भइया, सासुरमे लक्ष्मण दिओर हे
अपना लेल छथिन प्रभु माय-बाप भइया, अपना लेल लक्ष्मण दिओर हे
अहीं तऽ पिया सींथक सिन्दूर हमार, अहीं प्रभु सोहरो सिंगार हे