एल.जी.बी.टी / पंकज कुमार
अवसाद
हे प्रबुद्ध समाज!
अहाँ कोना अकानि सकब
मोनक ओहि अवसादकेँ
जखन नहि भ' रहल अछि
कोनो तरहक भेदभाव अहाँक संगहि
अहुना समाठक मारि
उक्खरि छोड़ि आर केओ
कोना बुझि सकैछ?
प्रमाण
हमरो
कहाँ अबैत छल (?)
अठमा वर्गमे
मुन्ना मास्सैबक रेखागणित
समझमे
जखन ओ कहैत छलथिन
रौ बौआ
त्रिभुजक तीनू कोणक योग
एक सय अस्सी डिग्री होइत छैक
मुदा
प्रमेयक प्रमाण भेटतहि
सभ किछु भ' गेलैक अछि स्पष्ट
निछक पानिक अवदात छवि जकाँ
विज्ञान
एहिमे
अहाँक कौन दोष
अहूँ नहि बुझि सकल होयब
तेँ मनोरोग आ मनोविकारक संज्ञा द'
बढ़ि गेल होयब आगाँ
मुदा अहाँक वएह विज्ञान
जाहि पर अहाँ
क' रहलहुँ अछि भरोस
की ई पृथ्वी अछि समतोला जकाँ गोल
ओकरे शोध सँ सिद्ध अछि
नहि अछि ई कोनो विकार वा रोग
जाहिसँ घृणा कयल जा सकैछ।
अप्राकृतिक
ई कोना
निर्णय भ' गेल
एकरा तँ अबुझ
कहि सकैत छी हम
नागालैंडक कोनो जाति
किंवा अफ्रीकाक कोनो धर्म
जे अहाँ सभक
सात गोट धर्मसँ फराक अछि
तहन की ओ धर्म भ' गेलैक अप्राकृतिक?
इतिहास-धर्म
यौ
अहाँ कौन धर्म
आ इतिहासक कन्हा पर
बंदूक राखि चलबैत छी महानुभाव
अधन अछि एकबेर
ओहि धर्मक कामसुत्रक नीकसँ अध्ययन करबाक
आ बेगरता अछि खजुराहो सन
अद्भुत मन्दिरक दर्शन केर।
मनोरोग
असल मनोरोग तँ
अज्ञानता थिक
आवश्यकता अछि
अधतनीकरणक
किएक
अहाँक लेल
जातिक तादात्म्य
बूझब सहज अछि
मुदा लिंगक तादात्म्यक बेरमे
भ' जाइत छी असहज
अज्ञानतावश
अहाँ नहि बुझि सकब
प्रेम सन अँतराहित
भावनासँ फराक भेलासँ
की होइत छैक मनोदशा?