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ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै / ओम बधानी
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ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै
जु गात हि ना मन भि रंगै द्यौ
अबीर गुलाल लगी, पिंगळू लाल लगी
फोंजि त फुंज्यैगे उड़िगे ध्वैयेगे
ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै
मठायां न मठो धोयां न धुयो
पिंगळू फ्योंलि सि न,लाल बुरांस सि न
हर्यूं नीलू न हो,गुलाबी केसरी न हो
ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै
न खेलि हो कभी, न देखि हो कभी
फूलुक भौंरौं म जु,चकोरू म जोन क खातिर जु
वै रंग ल्यैक एै,जिकुड़्यों रळै द्यै
ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै
माया बांटि जौ जु, बैर बिसरै द्यौ।