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ओ टूटी नैय्या के मांझी / विशाखा विधु

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ओ टूटी नैय्या के माझी
मुझको नदिया पार करा दे
आज मिलने का वचन दिया है
मुझको मोहन से मिलवा दे
ओ टूटी नैय्या के माझी .....।

मै इस नदिया से कह दूंगी
थोडा हल्के बह लेगी ये
तू इस नैय्या से कह देना
जरा थपेड़े सह लेगी ये
फिर मन में आस जगाकर
तू नैय्या पार लगा दे
ओ टूटी नैय्या के माझी ...।