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ओल ओड़ि / जगदीश प्रसाद मण्डल
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ओल ओड़ि ओलि-ओलि
रब-रब, कब-कब गाड़ि देलकै।
कन्द–केशौर मुँह मुंगबा दऽ दऽ
तड़ि-तड़ि तड़ुआ बनौलकै।
मीत यौ, तड़ि-तड़ि...।
बेधि सिर डभ-कुश कुशियार
तड़तड़ाइत तर तामि देलकै।
उनटा-पुनटा सुखा-अबा
मुंगरी मारि सोझ केलकै।
मीत यौ, मुंगरी मारि...।
बेवहार विधि सजि सहजि
तर-ऊपरा रंग मढ़ि देलकै।
कचे-बचे फल-फूल लटका
हवामे उड़िया देलकै।
हावामे उड़िया...।
हीय चढ़ि हाथ-पएर पसारि
नापि-नापि मनुख बना देलकै।
कंट गुल गुलाब सजि-धजि
कीच कमल कोखिया देलकै।
मीत यौ, कीच कमल...।
कोसा कोख रगड़ि-रगड़ि
तानी-वाणी रंग चढ़ौलकै।
नख-सिख, सिख-नख रचि-बसि
नचनी-नाच नचा देलकै।
मीत यौ, नचनी-नाच...।