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कंप्यूटर मिनख / दीनदयाल शर्मा
Kavita Kosh से
मिनख
आखी जिनगी
लगा दे
धन जोड़ण में
खुद टूटतौ रैवै
कमाण री धुन में
नां खाण नै टैम
नां बात नै टैम
मरण नै भी
टैम नीं
कमाई रौ
कंप्यूटर बण'र जीवै
आखी जिनगी
नां संवेदना
नां सोच
नेड़ै-तेड़ै नीं
मिनखपणौ
किणी सूं
कोई मतलब नीं
कमाई करतां-करतांईं
बीतज्यै गत
अर
राम नाम सत।