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कइसे के तुड़िहें रामजी शिव के धनुहिया / महेन्द्र मिश्र

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कइसे के तुड़िहें रामजी शिव के धनुहिया
से अबहीं त छोटे दुनू भइया हो लाल।
छोटी-छोटी पगिया पर मोरवा लोभइलें
से छोटे बाटे तीखा धनुहिया हो लाल।
कबहीं ना देखलीं मैं अइसन सुरतिया
से कइसे के होइहें पहुनइया हो लाल।
कबहीं तऽ अइहें राम जी मिथिला नगरिया
से नातावा लगइहें ससुरिया हो लाल।
कोई नाहीं बरजे सखी राजा हठ कइले
सेबइरी भइलें शिव के धेनुहिया हो लाल।
निरखे महेन्द्र इहों राम जी दूलहवा
से कबले दू अइहें अंगनइया हो लाल।