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कठड़े से आया हो राज / मालवी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कठड़े से आया हो राज
कठड़े से आया म्हारा सगा नणदोई जी
प्यारा नणदोई जी कठड़े से आया हो राज
म्हारा सगी साका हेली जी
प्यारी साला हेली जी आया हो राज
पाणीड़ा समायो हो राज
पाणीड़ा समायो म्हारा सगा नणदोई जी
प्यारा नणदोई जी पाणी समोया हो राज
अब हम न्हावां हो राज
अब हम न्हावां म्हारा सगा नणदोई जी
प्यारी सलाहेली जी अब हम न्हावां हो राज
भोजन परोस्या हो राज
भोजन परोस्या म्हारा सगा नणदोई जी
प्यारा नणदोई जी थाल परोसी हो राज
अब हम जीमां हो राज
अब हम जीमां म्हारी सगी सालाहेली जी
प्यारी सालाहेली जी, अब हम जीमां हो राज
झारी भराई हो राज
झारी भराई म्हारा सगा नणदोई जी
प्यारा नणदोई जी, झारी भराई जी
अब हम पीवां हो राज
अब हम पावां हमारी सगी सालाहेली जी
प्यारी सालाहेली जी अब हम पावां हो राज
चौपड़ रलाई हो राज
चौपड़ रलाई म्हारा सगा नणदोई जी
प्यारा नणदोई जी चौपड़ रलाई हो राज
अब हम खेलां हो राज
अब हम खेलां म्हारी सगी सालाहेली जी
प्यारी सालाहेली अब हम जीतां हो राज
ढोल्यो ढलायो हो राज
ढोल्यो ढलायो म्हारा लगा नणदोई की
प्यारा नणदोई जी ढ़ाल्यो ढ़लायो हो राज
अब हम पौड़ां हो राज
अब हम पौड़ां म्हारी सगी साकाहेली जी
प्यारी साकाहेली अब हम पौडां हो राज