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कठपुतली अइसन / राम सिंहासन सिंह
Kavita Kosh से
हम तो ही कठपुतली अइसन जे भी नाच नचाबऽ।
अप्पन मन में कभी न रहली
दुर्दिन के सब पीड़ा सहली
केकरो से पर कुछ न´ कहली
तोहरे पर हे सकल भरोसा जे भी काज कराबऽ।
कभी न कोनो बात बनल हे
सब दिन हमरा मिलल गरल हे
मिलल न कोनो राह सरल हे
फिर भी अब तक चलले चलली जे भी राह चलाबऽ।
मन में एक्के प्यास जगल हे
तोहरे पर सब आस लगल हे
तोहरा ला तो काम सरल हे
हमर टूटल जर्जर नईया आबऽ पार लगाबऽ।
छन भर आबऽ गीत सुनैबो
अप्पन मन के बात बतैबो
तोहरे डेवढ़ी पर रह जैबो
एक बार तो आबऽ, मन से बोलऽ-गीतवा गाबऽ।
हम तो ही कठपुतली जइसन जे भी नाच नचाबऽ।।