कदाचित ज्ञात हो तुम्हें / गीता शर्मा बित्थारिया
कदाचित ज्ञात हो तुम्हें
पौराणिक कथाओं के स्त्री पात्र
एक सीता
एक उर्मिला
एक अहिल्या
एक मंदोदरी
एक गांधारी
एक कुंती
एक द्रोपदी
एक उत्तरा
एक उर्वशी
एक मेनका
एक शकुंतला
एक सावित्री
एक पद्मिनी
किसी एक तक
कहां सीमित हैं ?
अद्यतन अनवरत जारी है
इन्हीं जैसे कथानकों का दोहराव
धर्म ग्रंथ सत्यापित करते हैं साक्ष्य
कुछ ऐतिहासिक गाथाओं में
सुने गए महान
रानी महरानियों के नाम
रानी पद्मावती
रानी मीरा
रानी दुर्गावती
रानी अहिल्या बाई
रानी लक्ष्मी बाई
एक --------
अपने और गैरों के रचे
चक्र व्यूह में घिर
जो युद्धरत रही
कूट चालों के विरुद्ध
इन्हीं जैसे युद्धों का दोहराव
अद्यतन अनवरत जारी है
तथ्य बताते हैं पुनरावृत्ति का इतिहास
नैना साहनी
शिवानी
प्रियदर्शनी
भंवरी देवी
जेसिका लाल
निर्भया
प्रियंका
गुड़िया
ना जाने कितनी
प्रेम विश्वास में
छली गई अंतहीन सूची
जिनके नाम तक
याद नहीं रखना चाहता
ये सभ्य समाज
क्यों अद्यतन अनवरत जारी है
इन कुकत्यों के दोहराव
देती है गवाही अखबारों की स्याही
मात्र एक नाम नहीं है ये सब
एक दर्पण है
ये सभ्यता और संस्कृति पर
हर दिन होता प्रहार है
यत्र नार्यस्तू पूज्यंते रमंते तत्र देवता
का उद्घोष करती भूमि पर पनप रही
विकृति का पर्याय है
इस असह पीड़ा से मुक्ति कब
अंतहीन सिलसिले अंत कब
असीमित सम्मान ह्रास का समाप्ति कब
जानना चाहती है
मिटाना चाहती है
ये रिक्त स्थान