भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कनफटा / शील

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साँप के निकल जाने पर —
छूट जाती है,
घसिलन की लकीर।

लोग मुहावरा पीटते हैं —
मुहावरा,
कनफटा मुहावरा नहीं पीटता,
साँप का गला दबा कर
तोड़ देता है विषदन्त।

विषधरों से मुक्ति के लिए —
देश को
कनफटों की ज़रूरत है।