भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कन्हैया खेलै गुलाल / अंगिका लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कन्हैया, कन्हैया खेलै गुलाल राधे रंग भरे
अरे हाँ हाँ रे राधे रंग भरे
अरे हाँ हाँ रे राधे रंग भरे
कन्हैया, कन्हैया खेलै गुलाल राधे रंग भरे

पान सी पतली हरदी सी पीली
गोरी है इक नार मोतियन माँग भरे
कन्हैया, कन्हैया खेलै गुलाल राधे रंग भरे

हरी हरी चूड़ियाँ भरी भरी बहियाँ
बीसो अँगुरिया तीसो मुनरिया