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कर कत्तण वल ध्यान कुड़े / बुल्ले शाह

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नित्त मत्तीं देन्दी माँ धीआँ,
क्यों फिरनी ऐं ऐंवें आ धीआँ,
नी शरम हया ना गवा धीआँ,
तूँ कदी ताँ समझ नादान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

चरखा मुफ्त तेरे हत्थ आया,
पल्लिओं नहीओं कुझ खोल गवाया,
नहीओं कदर मेहनत दा पाया,
जद होया कम्म आसान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

चरखा बणिआ खातर तेरी,
खेडण दी कर हिरस थोरेड़ी,
होणा नहीओं होर वडेरी,
मत कर कोई अज्ञान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

चरखा तेरा रंग रंगीला,
रीस करेन्दा सभ कबीला,
चलदे चारे कर लै हीला,
हो घर दे विच्च आवादान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

इस चरखे दी कीमत भारी,
तूँ की जाणे कदर गवारी,
उच्ची नज़र फिरें हंकारी,
विच्च आपणे शान गुमान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

मैं कूकाँ कर खलिआँ बाहीं,
ना हो गाफल समझ कदाई,
ऐसा चरखा घड़ना नहीं,
फेर किसे तरखाण कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

एह चरखा तूँ क्यों गवाया,
क्यांे तूँ खेह दे विच्च रूलाया<ref>मिट्टी में मिलाया, व्यर्थ गंवाया</ref>,
जद दा हत्थ तेरे एह आया,
तूँ कदे ना डाहिआ आण कुड़े।

नित्त मत्तीं देण वलल्ली नूँ,
इत भोलीकमली झल्ली नूँ,
जद पवेगा वखत इकल्ली नूँ,
तद हाए हाए करसी जाण कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

मुढों<ref>प्रारंभ से, शुरू से</ref> दी तूँ रिज़क विहूणी,
गोहड़िओं नाँ तूँ कत्ती पूणी,
हुण क्यों फिरनी ए निम्मोझूणी,
किस दा करें गुमान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

डिंगा तक्कला रास करा लै,
नाल शताबी बाएड़ पवा लै,
ज्यों कर वगे तिवें वगा लै,
मत कर कोई अज्ञान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

अज घर विच्च नवीं कपाह कुड़े,
तूँ झब झब वेलणाा डाह कुड़े,
रूँ वेल पिंजावण जाह कुड़े,
मुड़ कल्ल ना तेरा जाण कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

तेरे नाल दीआँ सभ सइआँ नी,
कत्त पूणिआँ सभना लइआँ नी,
तैनूँ बैठी नूँ पिच्छे पइआँ नी,
क्यों बैठी ऐं हुण हैरान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

दीवा आपणे पास जगावीं,
कत्त कत्त सूत भर वट्टी पावीं,
अक्खीं विचों रात लंघावीं,
औखी कर के जान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

राज पेक्का<ref>मायका, यहाँ तात्पर्य संसार से है</ref> दिन चार कुड़े,
ना खेडो खेड गुज़ार कुड़े,
ना हो वेहली कर कार कुड़े,
घर बार ना कर वीरान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

तूँ सुतिआँ रैण गुज़ार नहीं,
मुड़ औणा<ref>आना</ref> दूजी वार नहीं,
फिर बैहणा ऐस भंडार नहीं,
विच्च इक्को जेडे हाण कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

तूँ सदा ना पेक्के रैहणा ए,
ना पास अंबड़ी<ref>माँ</ref> दे बैहणा ए,
ना अंत विछोड़ा सैहणा ए
वस्स पएंगी सस्स ननाण कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

कत्त लै नी कुझ कता लै नी,
हुण ताणी तंद उणालै नी,
तूँ आपणा दाज रंगा लै नी,
तूँ तद होवें परधान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

जद घर बेगाने जावेंगी
मुड़ वत्त ना ओत्थों आवेंगी,
ओत्थे जा के पछतावेंगी,
कुझ अगदों कर समिआन कुड़े।

अज्ज ऐडा तेरा कम्म कुड़े,
क्यों होई ए बे गम कुड़े,
की कर लैणा उस दम्म कुड़े,
जद घर आए मेहमान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

जद सभ सइआँ टुर जाउणगीआँ,
फिर ओत्थों मूल ना आउणगीआँ,
आ चरखे मूल ना डाहुणगीआँ,
तेरा त्रिंझण प्या वीराण कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

कर माण ना हुसन जवानी दा,
प्रदेस<ref>परदेस</ref> ना रैहण सिलानी<ref>सैलानी</ref> दा,
कोई दुनिआँ झुठी फानी<ref>नाशवान</ref> दा,
ना रैहसी नाम निशान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

इक औखा वेला आवेगा,
सभ साक सैण भज जावेगा,
कर मदद पार लंघावेगा,
ओह बुल्ले दा सुलतान कुड़े।

कर कत्तण वल ध्यान कुड़े।

शब्दार्थ
<references/>