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कर्ज़ / हरजेन्द्र चौधरी
Kavita Kosh से
किसान पर चढ़ा हो
या भारत सरकार पर
कर्ज़ कर्ज़ है
महाजन महाजन
चुपचाप चौकन्ने रहें
सक्रिय रहें हम
उतारें
इस ज़हर को...
रचनाकाल : 1999, नई दिल्ली