भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कहाँ भीमबेटका / अनिरुद्ध उमट
Kavita Kosh से
कहाँ भीमबेटका
यह सुन
दीमकों की कतार से
बूढ़ी दीमक
हाथ पकड़ खींच लेती
कतार में
यहाँ भीमबेटका