कादम्बरी / पृष्ठ 6 / दामोदर झा
24.
स्तन दुहु नोर नहयने, निकट हृदय शोक बहिनके लेने।
चरय विमुक्ताहारे, तप जनु तुअ शत्रु रमनी केर॥
25.
ई सुनि महीपाल विस्मित भय विकसितलोचन भेले
छला कुमारपाल मन्त्री तनिका दिशि अवधृति देले।
अजगुत एहन अहाँ सब की देखल वा सुनल जगहुँमे?
पक्षीमे जे ई विशेषता दुर्लभ से मनुजहँमे॥
26.
पक्षी ई शास्त्रक अध्येता निबसय डोम भवनमे
डोमक घर एहि रूपक कन्या सब आश्चर्य भुवन मे।
मन्त्री कहलनि महीपाल! ई सब नहि किछ अछि अजगुत
पूर्व जन्म संस्कारक कारण हो विशेषता संयुत॥
27.
इएह चिह्न अछि पुनर्जन्म अनुमान करैलय कारण
उपपादन कय नैयायिक नास्तिक-मुख करथि निवारण।
अछि विचित्रा धाताक सृष्टि ई कर्मक बात विचित्र
तकरो पुनि परिणाम विचित्र कालक विषम चरित्र॥
28.
इत्यादिक सूगा-सम्बन्धे बात-चीत किछ करिते
उठल पटह-धुनि दुपहरिसूचक दशो दिशाके भरिते।
कहल भूप चण्डालकुमारीके बाहर बिरमै लय
अभ्यन्तरमे पक्षिराजके खान-पान किछ दै लय॥
29.
ई आदेश प्रतीहारिहि दय सभा तजल महिपाले
बिदा कयल सेवार्थ समागत सकल भुवन नृप् जाले।
तखन शरीरक कृत्य सकल कय भोजन पान-सम्हारल
कय आचमन पानचर्वण कय शय्या गृह पद धारल॥