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काल की गदा / अज्ञेय

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काल की गदा एक दिन
मुझ पर गिरेगी।
गदा मुझे नहीं नाएगी :
पर उस के गिरने की नीरव छोटी-सी ध्वनि
क्या काल को सुहाएगी?

नयी दिल्ली, नवम्बर, 1968