भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कालीबंगा: कुछ चित्र-16 / ओम पुरोहित ‘कागद’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मिला है जब
कालीबंगा के थेहड़ में
राजा का बास
तो जरूर रहे होंगे
अतीत के आखर

कैसे मिट गए लेकिन
किसी ने ज़रूर
भगाई होगी भूख
कुछ दिन

तभी तो मिलता है
अस्थिपंजरों में
इतिहास कालीबंगा का।


राजस्थानी से अनुवाद : मदन गोपाल लढ़ा