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काळ बरस रौ बारामासौ (चैत) / रेंवतदान चारण
Kavita Kosh से
गवरां नै गिणगोरियां नाचै घूमर नार
चैत मास चिलकौ करै हुयौ काळ हुसियार
चारूं कांनी चैत में झींणै बायरियेह
काळ रमावै कोड सूं परणी पीहरियेह
नवौ बरस पलटै परौ बीत्यां आधै चैत
काळ कुलंगी कपट कर निरभै घालै नैत
चिलक्यौ जबरो चेत में तावड़ तड़तड़तोह
पांणी सरवर पाखरां बैरी बळबळतोह