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काळ बरस रौ बारामासौ (मिगसर) / रेंवतदान चारण
Kavita Kosh से
धंधा बिन किकर धकै मंदौ मिगसर मास
टंक टाळण टुकड़ा नहीं पसुआं रै नहीं घास
परण्या रौ पांणी मरै धण जद खोदे धूड़
रंगत उडगी रेत सूं फबती लागै फूड़
माथै तगारी मेलियां थांभ पावड़ौ हाथ
क्रूर काळ रै कारणै बाळक लीनौ बाथ
पसु अर मांणस पाळबा लेवण सार संभाळ
धरमादौ दांनी करै काढण सारू काळ