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काव्य-न्याय / गीत चतुर्वेदी
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जिस आदम को स्वर्ग से बेआबरू निकाला गया
उसकी नियति देख लीजिए
आदम के आंगन में बाल-बच्चे किलक रहे
स्वर्ग ख़ुद ही नेस्तनाबूद हो गया