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किस से किस को / लाल्टू

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वह अमरीका से आई है
अपनी कम्‍पनी की ओर से कुछ लूटने और
कुछ भीख माँगने के लिए
राजाओं और दरबारियों के बीच
तिरछी आँखों से जानना चाहती है
कि किससे माँगनी है भीख
और किसको है लूटना
क्‍या फ़र्क़ है भीख माँगने या लूटपाट में
बड़ी कम्‍पनियों के मालिक भी नहीं जानते
कबाब और शराब महज रणनीतियाँ हैं
जहाँ लाख एक फेंका है
वहाँ से पचास लाख लूटना है
इस तरह से बढ़ता है जीवन
राजाओं और दरबारियों के बीच फँसा है आदमी
समझने की कोशिश में है।
जब सारे भ्रम दूर हैं
जब सारे भ्रम दूर हैं
अपनी चारदीवारी के अंदर हूँ
यह कैसा भ्रम कि बात कर रहा हूँ खुद से
वही तो है जो आईने में है
वही है बिस्‍तर पर, वही है चादर तकिया
सपना नहीं, वही है जो आती है नींद परी।