भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

किसी दिन अचानक / स्वाति मेलकानी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

किसी दिन अचानक
शून्य से
टूटता है तारा
या
आसमान गिरता है
या
बादल फटता है
या
खिल उठती है लिली
और
बदल जाता है जीवन।
हमने प्रेम किया
और बस
जीवन बदल गया।