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कुछ छोटी कविताएँ / महमूद दरवेश
Kavita Kosh से
1.
अगर लौट सकूँ शुरूआत तक
कुछ कम अक्षर चुनूँगा अपने नाम के लिए
2.
अगर जैतून के तेल जानते होते उन हाथों को
जिन्होनें रोपा था उन्हें,
आँसुओं में बदल गया होता उनका तेल
3.
आसमान पीला क्यूँ पड़ जाता है शाम को ?
क्यूँकि तुमने पानी नहीं दिया था फूलों में ।
4.
मैं भूल गया बड़ी घटनाएँ और एक विनाशकारी भूकंप
याद है मुझे आलमारी में रखी अपने पिता की तम्बाकू ।
5.
इतना छोटा नहीं हूँ कि बहा ले जाएँ मुझे शब्द
इतना छोटा नहीं हूँ कि पूरी कर सकूँ यह कविता ।