कुछ नी कन्नी सरकार / जमना दास पाठक
कुछ नी कन्नी सरकार
जैं कड़ैपर पैली छंछेड़ु बंणदू थौ -2
वीं कड़ै पर अब हलवा अर
फिर चौमिन कू छैगी रोजगार
तब बोल्दन लोग कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली गौं-गौं मा श्रमदान होंदा था
ढोल -नगाड़ौं बजै तैं अर अपड़ा - अपड़ा
कुल्ला दाथड़ौं ली तैं लोग
गौं का चारी तरफै
की सफाई करी तैईं पर्यावरण प्रदूषण तैं भगै देंदाथा
अब लोग बैठ्यांछन खुट्यों पसारोक
अर सरकार देणी छ रोजगार
तब बोल्दन लोग कि कुछ नी कन्नी सरकार।
सच माणा त पैली का लोग प्रदूषण का बाराजाणदै निथा
तबैत गुठुयारों मा कुलणौ पिछनैईं
रस्तो मां अर इथा तककि पाणी का धारौं तक
भि थुपड़ा रंदा था लग्या लैट्रिन का
अब घर- घर मा लैट्रिन ह्वैगेन तैयार
तब बोल्दन लोग कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली मजबूरी मा पैदल जाण पड़दु थौ
स्कूल मा, दुकानी मा, रिश्तेदारी अर
नौकरी कन्नक तैं भी पैदलै जाण पड़दु थौ
मुंड मा होया कांधी मा हो दुद्दे अर
चार- चार मण कू बोझ पैदलै लिजाण पड़दु थौ
आज गौ- गौ मा सड़क जाण सी
घर- घर ह्वैगन मोटर कार
तब बोल्दन लोग कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली का जनाना ग्यों अर कोदू पिसण कतै
सुबेर त जांदरू रिगौंदा था
अर श्यामकु उखल्यारौं मा साट्टी झंगोरा कीघाणी
रंदी थै दिख्याणी
जख मा कि कुल्ल सासू- ब्वार्यों का झगड़ा होंदाथा
अब जगा- जगौ ह्वैगी चक्यों की भरमार
तब छन्न बोन्या कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली का छोरा त स्कूल मा भि
बिनै सुलार पैर्यां चलि जांदा था
अर पाटी पर लेखीतै बिना
कौफी किताब्यों क याद भि कर्याल्दा था
अर अब त जलमदै नर्स छ बोन्नी
कि कख छ येकू कुर्ता सुलार
तब बोल्दन कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली लोग जब बीमार होंदा था
त देवतौं का दरवाजा खटखटांदा था
अस्पताल नि होण सीक हैजा
अर माता जनीं भयंकर बीमारिन त
गौं का गौं बांजा पड़ी जांदा था
आज सड़क अर अस्पताल होण सीक
झट्ट होणू छ उपचार
तब छन लोग बोन्या कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली का लोग अनपढ़ होंदा था
किलै कि स्कूल दूर होक सीक
उ वख तक पौंछी निसकदा था
अर अनपढ़ होण सीक ऊंका दिल मा जात पात
ऊंच नीच अर अपणू
विराणू जना भेद भाव जन्म लेंदा था
जातैं रूढिवादिता बोल्दन
आज गौं -गौ मा स्कूल कालेज खुन्न सीक
अर शिक्षा कु प्रचार -प्रसार
होण सीक ह्वैगी समाज कू बेड़ा पार
तब छन बोन्या कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली हमारा समाज मा बलि प्रथा कू जादै बोलबाला थौ
क्वी बीमार होंदू थौ त
झट्ट वैमा कुखड़ी- बाखरी ऊंचे तेवई वीं सणी
पट्ट मारी देंदा था
कति जगौं आज भि होणू छ
पर अब सतसंग कू प्रचार -प्रसार होण सीक
बंद ह्वैग्यन कुखड़ी -बाखरी खया देवतौं का द्वार
तब छन बोन्या कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली लोग गरैयों सणीदेवता माणी तैं पुजदा था
कैकू काम ख्राब होण पर त
पंडा जी बोल्दा था कि ये का गरै खराब छनचन्या
ऊं सणी पूजि द्यान
टाज मनखी चंद्रमा तै दूर
मंगल गरै पर बसण क ह्वैगी तैयार
तब छन लोग बोन्या कि कुछ नी कन्नी सरकार।
पैली लोग जाणदै नि था कि
मुख्यमंत्री क्या हवै अर विधायक क्या हवै
जौं का द्वारा सरकार चल्दी छ
आज सरकार न जगा जगौं लगैल्यन जनतादरबार
अर फिर भी छन लोग बोन्या कि कुछ नी कन्नी सरकार।
मै आप लोगू सणी फिर याद दिलौंदू छौं
कि पैली जैंकड़ै पर छंछेड़ु बंणदू थौऊ
बीं पर आज हलवा
अर फिर चौमिन कू ह्वैंगी रोजगार
समाज का भला भला वैखू
अब नि बोलने कि कुछ नि कन्नी सरकार।
आज का नवयुवक भायौं अर बैण्यों
सुदि निरा बैठ्या बेकार
मेरी दृष्टि मा त सब्बी धाणी छ कन्नी सरकार।