कुछ शब्द / बेंजामाँ पीरे / बालकीर्ति
जब रात हो जाती है
उन चूल्हों की रात, जो बहुत ज़्यादा जल चुके हैं
बहुत ज़्यादा गर्म हो चुके बालों के
बहुत शानदार सिर की तरह
बर्फ़ की आख़िरी तह से भी हलकी आवाज़ जो तुम्हारे स्तन की रूपरेखा की तरह दिखती है
जैसे ही यह घुल जाती है
एक डरपोक छोटी लड़की की तरह
गुस्से में घुमावदार वक्र रेखा की निडर टकटकी के नीचे जो एक शिकार किए गए बाघ की तरह हरे से सफ़ेद में छलाँगती है
आवाज़ इतनी कमज़ोर कि यह बिना पंखों वाली मक्खी की तरह लगेगी
समय-समय पर नल की चूँ - चूँ के साथ रिरियाती
जिसे पूरी तरह से बन्द नहीं किया गया
और जो तुम्हारे श्रवण पटल तक गूँज उठेगी
जैसे जमे हुए पत्थर का विस्फोट :
मैं तुमसे प्यार करता हूँ गन्धक गुहा
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकीर्ति
अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए
Benjamin Péret
A couple of words
When night falls
The night of stoves that have burned too much
Heated up too much
Like a too luxuriant head of hair
A voice slighter than the last flake of snow that looks like the outline of your breast
As it dissolves
Like a timid little girl
Under the intrepid stare of the last circumflex in a rage that leaps like a hunted tiger from green to white
A voice so feeble it would sound like a fly without wings
Will whine every now and then with the cry of a faucet
That’s never been completely turned off
And which will resound in the bed of your ear
Like the explosion of frozen stone
I love you cave of sulphur