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कुण देवै पडूत्तर? / किशोर कुमार निर्वाण
Kavita Kosh से
काटतो जावै मिनख
आज आपरी ई जड़ां नैं
उळझतो जावै
आपरै ई बुण्योड़ै जाळ मांय।
अबार रिस्ता-नाता
रैयग्या फगत मतलब सारू
मेळ-मुलाकात अर हेत
रैयौ ई कठै?
बणग्यो मिनख इब तो मसीन
भूलग्यो अपणायत
थोथी हुयगी है
सैंग मानतावां
म्हारै मन मांय है
फगत एक सवाल-
‘मिनख’ कद बणसी ‘मिनख’
पण
कुण देवै म्हनैं पडूत्तर।