भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कुतर्क / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
Kavita Kosh से
अच्छा
बहुत अच्छा लगा भाई
संबोधन के लिए तुमने
प्रयोग किया केवल—प्रफुल्ल
महाजन
मेरे नाम के साथ
हाथ की छठी उँगली की तरह
जुड़ा है
महाजन
कुतर्क है
जो समूची पृथ्वी को
मुल्कों से लेकर
मुहल्लों तक बाँटता हुआ
आदमी के समूचेपन तक
उतर गया है
और इस वक्त
मेरे नाम पर
ठहर गया है
संबोधन के लिए
बहुत अच्छा लगा
केवल प्रफुल्ल.