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कुत्ते / पंछी जालौनवी

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जिस बिल्डिंग के गेट पर
खाना कोई रख जाता था
वहाँ का खम्बा चाट रहे हैं
आपस में दुःख बांट रहे हैं
हमारी गली के कुत्ते सारे
आते जाते
इक्का दुक्का
हैरत से
इंसानों को देख रहे हैं
ये जो मुंह को
छुपा के घूम रहे हैं
दूर से बिस्कुट फ़ेंक रहे हैं
हमारी गली के कुत्ते सारे
आपस में सोच रहे हैं
ये कैसी इंसानी आज़ादी है
क़ैद में साड़ी आबादी है
मुश्किल कैसी इनपर आई है
इनसे बेहतर अपनी रिहाई है॥