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कैसी तौबा है / बुल्ले शाह

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तौबा ना कर यार, कैसी तौबा है!
नित्त पढ़दे इसतगफार, कैसी तौबा है!

सावीं दे के लवो सवाई,
ड्योढिआँ ते बाजी लाई,
एह मुसलमानी कित्थे पाई,
एह तुहाडी किरदार, कैसी तौबा है!

जित्थे ना जाणा तूँ ओत्थे जाएँ,
हक्क बेगाना मुक्कर खाएँ,
कूड़ किताबाँ सिर ते चाएँ,
एह तेरा इतबार, कैसी तौबा है!

मुँहों तौबा दिलों ना करदा,
नाही खौफ खुदा दा धरदा,
इस तौबा थीं तौबा करीए,
ताँ बखशे गफ्फार, कैसी तौबा है!

बुल्ला सहु दी सुणे हकायत<ref>कथा</ref>,
हादी<ref>पीर</ref> पकड़ेआ होई हदायत<ref>नसीहत</ref>,
मेरा मुरशद शाह अनायत,
ओह लँघाए पार, कैसी तौबा है!

शब्दार्थ
<references/>