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कैसे नूतन वर्ष मनायें / रंजना सिंह ‘अंगवाणी बीहट’
Kavita Kosh से
जनमन दुखित अर्थ
पीड़ित है
जग में आज शांति
शापित है
छिन्न -भिन्न संकल्प
हो रहे
भूले सारे गीत
अनकहे
अब क्या अपनी
व्यथा सुनाएँ
कैसे नूतन वर्ष मनाएँ
देख रही अब मैं
परिवर्तन
नभ में हुआ ये कैसा
गर्जन
ज्योतिर्मय जगमग
आँगन
फिर से नई आस
जागी है
चलो पुन: हम शक्ति
लगाएँ
फिर से नूतन वर्ष मनाएँ
करें प्रतिज्ञा हम न
डरेंगे
मिलकर नवयुग
सृजन करेंगे
शंख बजाकर नए साल का
चलो #शहीदों को
सब मिल श्रद्धा सुमन
चढ़ाएँ
आओ नूतन वर्ष मनाएँ |