भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कोकिला शतक / भाग १ / विजेता मुद्‍गलपुरी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

झौंका ऐलै
उड़ल ओढ़नी
इस्स!

ऐसन फैशन
अंग प्रदर्शन
छिः!

रात अन्हरिया
हों-हों, नैं-नैं
भक्क!

नया दुपट्टा
प्यारा बच्चा
स्सू!

नैन लड़ैतें
ऐलै बाबू
तड़ाक!

सकल योजना
नेता अफसर
गु्रप्प!

दिन दुपहरिया
दहशत-वहशत
धड़ाम!

पाटी झंडा
नारा वादा
फूस्स!

सुविधा भोगी
नया गलीचा
गद्द!

शीश महल में
विद्रोही स्वर
चनाक्!

अमरैया में
रितुपति ऐलै
कू!

हवा वसन्ती
सॉकल बजवै
के?

बजल झोपड़ी
में सहनाई
पीं!

पिया पियक्कर
बेबस पत्नी
डक्क!

नई नवेली
घूँघट-पायल
इग्म्म!

दिल के रोगी
प्रेमी जोड़ा
फुर्र!

सास चण्डिका
नवकी दुल्हिन
स्वाहा!

सच के नामें
गाँव-मुहल्ला
गुम!

चोर-सिपाही
एक भेॅ गेलै
जा!

कोट-कचहरी
थाना-फाँड़ी
धत!