कौन-सी बात
कब किसको
चुभ जाती है
पता नहीं चलता...
किस के मन में
कब क्या चलता है
ये किसी को
पता नहीं चलता...
अच्छा वक़्त कैसे
गुज़र जाता है
ये किसी को कभी
पता नहीं चलता...
बुरा वक़्त क्यों कभी
कटते नहीं कटता
ये किसी को कभी
पता नहीं चलता...
फूलों के ढेर में
कब काँटे चुभेंगे
ये किसी को कभी
पता नहीं चलता...
भविष्य की गर्त में
कहाँ क्या छुपा है
ये किसी को कभी
पता नहीं चलता...
कब मन में गर्व के
अंकुर फूट जाते हैं
ये किसी को कभी
पता नहीं चलता...
कितनों के आने का
कितनों के जाने का
किसी को दुनिया में
पता नहीं चलता...
कोन हैं वाकइ अपने
कौन हैं वाकइ पराये
ये वक़्त पड़ने से पहले
पता नहीं चलता...
ईश्वर तो सदा साथ था
और सदा साथ है हमारे
हर किसी को हर कभी
पता नहीं चलता...