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कौन है वो / ओम पुरोहित ‘कागद’

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कौन है वो
जो पहाड़ो को पत्थर
पत्थरो को कंकर
कंकरों को चूर्ण बना
पौन में उड़ाता हि
उड़े कणों को बालू बता
धोरे सजाता है!
रात के सन्नाटे में
लहरें बनाता है
कभी धोरा यहां
कभी वहां बनाता है
है कौन वो-जो रचता है
और रचन से खेलता है?
कौन है वो
जो मृग को सुखे में
समन्दर दिखाता है
प्यास में पानी
पानी में प्यास
यानी
आस में जीवन
जीवन में आस
कौन जगाता है?