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कौने हाथे नरियल कौने दूबि धान / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
कौने<ref>किस</ref> हाथें नरियल कौने दूबि<ref>दूब; एक प्रसिद्ध घास</ref> धान, चुमबह<ref>चुमाती है</ref> सखि सब सीरी बैजनाथ<ref>श्रीबैद्यनाथ। शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रधान ज्योतिर्लिंग</ref>॥1॥
बाबा हाथें नरियल अम्माँ दूबि धान, चुमबह सखि सब सीरी बैजनाथ॥2॥
कौने हाथें नरियल कौने दुबि धान, चुमबह सखि सब सीरी बैजनाथ॥3॥
चाचा हाथंे नरियल चाची दूबि धान, चुमबह सखि सब सीरी बैजनाथ॥4॥
शब्दार्थ
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