क्या है मुझको यार बता / कमलेश द्विवेदी
क्या है मुझको यार बता।
क्या होता है प्यार बता।
ये सच्चाई-ख़्वाब कभी
आफ़ताब-महताब कभी।
अमृत कभी-शराब कभी
अच्छा कभी-ख़राब कभी।
फूल कि है ये ख़ार बता।
क्या होता है प्यार बता।
ये दिन है तो-रात कभी
जीत कभी है-मात कभी।
तनहाई है-साथ कभी
ज्ञात कभी-अज्ञात कभी।
तट है या मँझधार बता।
क्या होता है प्यार बता।
ये पावन है-दाग़ कभी
प्राप्ति कभी है-त्याग कभी।
चन्दन है तो-नाग कभी
पानी है तो-आग कभी।
बाधा या रफ़्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।
ये आँसू-मुस्कान कभी
मान कभी-अपमान कभी।
चतुर कभी-नादान कभी
सब जाने-अनजान कभी।
फ़र्ज़ कि है अधिकार बता।
क्या होता है प्यार बता।
ये नदिया है-नाव कभी
रस्ता है-भटकाव कभी।
कर्म कभी है-भाव कभी
मरहम है तो-घाव कभी।
मर्ज़ कि है उपचार बता।
क्या होता है प्यार बता।
ये कमज़ोरी-शक्ति कभी
मौन कभी-अभिव्यक्ति कभी।
है विरक्ति-अनुरक्ति कभी
आकर्षण है-भक्ति कभी।
पुल है या दीवार बता।
क्या होता है प्यार बता।
चाहे जितना भी कह लो
बात न होती पूरी है।
इसकी हर इक परिभाषा
रहती सदा अधूरी है।
कितना दूँ विस्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।