क्योंकि वसंत आया / मात्सुओ बाशो
१६६२ से १६६९
१.
(क्योंकि वसंत आया २९ तारीख़ को)
क्या वसंत आ गया है
या चला गया है साल?
आख़िरी से एक दिन पहले
२.
चन्द्रमा है तुम्हारा पथप्रदर्शक
कृपा करके इस तरफ आओ
मुसाफिरों के अड्डे में
३.
पुरानी चेरी के झाड़ पर
बहार: एक याद
उसकी पकी उम्र की
४.
राजधानी में
निन्यानवे हज़ार लोग
देख रही कोंपल
५.
कोंपलों को देखती हैं
ग़रीबों की आँखें भी:
दुष्ट कांटेदार झाड़ियाँ
६.
नीले आइरिस के फूल
दिख रहे पानी में
अपनी परछाईयों जैसे
७.
शरद की हवा
एक खुले दरवाज़े के आरपार
चुभती हुई एक कराह
८.
(एक घर में जिसके स्वामी का बच्चा मर गया था)
जर्जर और झुका हुआ
समूचा संसार सिर के बल
बर्फ़ में बांस
९.
बर्बाद कर देने वाला पाला
उदास कोंपलें
फूलों के खेत के आरपार
१०.
कोंपलों के चेहरे
क्या वे शर्मसार करते हैं तुम्हें?
धुंधला चंद्रमा
११.
कोंपलों के बीच
ग़मज़दा मैं नहीं खोल पाता
अपनी कविताओं का झोला तक
१२.
अंकुवाती लहरें:
क्या पानी के पास लौट गयी है बर्फ़,
मौसम नहीं फूल खिलने का?
१६७०-७९
१३.
बिखरते बादलों की तरह
जुदा होती है एक जंगली बत्तख़, फ़िलहाल
अपनी दोस्त से
१४.
एक हैन्गओवर
लेकिन खिली हुई है चेरी
उसका क्या?
१५.
एक्यूपंक्चर का एक विशेषज्ञ
धमधमाता है मेरा कन्धा
उतार दिया गया लबादा
१६.
मुसाशी का मैदान –
फ़क़त एक इंच
हिरन की आवाज़
(मुसाशी – सत्रहवीं सदी एक जानेमाने तलवारबाज़)
१७.
तराजू पर
संतुलन में क्योतो और एदो
हज़ार सालों के इस वसंत में
१८.
अब भी जीवित
मुसाफिरों वाली मेरी हैट के नीचे
ज़रा सी ठंडक
१९.
गर्मियों का चन्द्रमा:
छोड़ रहा है गोयू को
आकासाका में
२०.
माउंट फ़ूजी से आती हवा-
मेरे पंखे में लाती हुई
एदो वालों के वाते एक निशानी
२१.
(प्रेमग्रस्त बिल्ली)
एक बिल्ली की गुप्त मुलाकातें
टहलती एक नष्ट होते चूल्हे
पर आगे पीछे वह
२२.
(गरमियों की बरसातें)
गरमियों की बरसातें –
पेश करता अपनी ड्रैगन रोशनियाँ
शहर का चौकीदार
२३.
काटना एक पेड़ को
फिर देखना कट चुके सिरे को –
आज रात का चन्द्रमा
२४.
(जाड़ों की बौछारें)
गुज़रते बादल
यूं ही भागता पेशाब करता एक कुत्ता
बिखरी हुई जाड़ों की बौछारें
२५.
(पाला)
पहने हुए पाले का लबादा
जब हवा ने फैलाई सोने को अपनी दरी
छोड़ दिया गया एक बच्चा
२६.
खैर – हुआ कुछ नहीं
बीता हुआ कल आया और चला गया!
ब्लोफिश सूप
२७.
डच राजनयिक भी
साष्टांग हो जाता है उसके सामने
शो-गन साम्राज्य का वसंत
२८.
बारिश में एक दिन-
आसपास के संसार में शरद
बाउंड्री टाउन
२९.
डच लोग भी
आए हैं फूलों के वास्ते
घोड़े की काठी
३०.
एक नीले समुद्र पर
चवल की शराब की महक में सराबोर लहरें
आज का चन्द्रमा
एदो पुराने तोक्यो का नाम है जबकि क्योतो पुरानी राजधानी थी और माउंट फ़ूजी तो जापान की सबसे मशहूर पिक्चर पोस्टकार्ड इमेज है ही।