भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
क्रासिंग गार्ड / मोनिका कुमार / ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त
Kavita Kosh से
उसका नाम 176 है और वह बड़ी-सी ईंट में रहता है
जिस में एक ही खिड़की है।
वह बाहर ऐसे आता है
जैसे गति का छोटा पादरी हो।
उड़ती हुई ट्रेनों को
अपनी आटे जैसी भारी बाहों से
सलूट मारता है।
मीलों-मील यहाँ आसपास देखने के लिए कुछ नहीं।
बस, एक मैदान जिस में एक टीला और बीच में तन्हां पेड़ों का झाड़ है।
यह जानने के लिए कि इसकी संख्या सात है,
यहाँ तीस बरस रहना जरूरी नहीं।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मोनिका कुमार