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ख़ाली जगहें / तेमसुला आओ / श्रुति व माधवेन्द्र
Kavita Kosh से
मेरी आत्मा की
ख़ाली जगहों में
परछाइयाँ
हैं लम्बी
और हवाएँ सर्द
ये लम्बी होती हुई परछाइयाँ
यादों को
मार रही हैं ।
मेरी आत्मा की
ख़ाली जगहों में
गूँजें
खोखली हैं
स्मृति मरती हुई
खोखली गूँजें
प्रतिध्वनित होती हैं
मृत्यु को पूर्ण करती हुई ।
—
अँग्रेज़ी भाषा से अनुवाद : श्रुति व यादवेन्द्र