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ख़ुश होने की वजहें / शिवांगी गोयल
Kavita Kosh से
हम ख़ुश होने की वजहें तलाश करते हैं,
कभी आईने के सामने खड़े, हम
अपने सीने के ज़रा बायीं तरफ
एक काला निशान देख गुलाबी हो उठते हैं
जो किसी से मिले प्यार की याद दिलाता है
कभी किसी उदास गर्म दोपहर में
हम आँगन में बैठे अपने पाँव देख लेते हैं
जिसपर किसी ने अपने होंठ, आहिस्ता से रख दिये थे
कई बार हम महज़ इस बात पर ख़ुश हो लेते हैं
कि कहीं दूर बैठा कोई व्यस्त इंसान
अपने दिन भर के काम के बावजूद भी
हमें हमारी उम्मीद से ज़्यादा याद करता है