भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

खुल कर / नंदकिशोर आचार्य

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


खुल कर हो रही बारिश
खुल कर नहाना चाहती लड़की
अपनी खुली छत पर।

किन्तु लोगों की खुली आँखें
उस को बन्द रखती हैं
खुल कर हो रही
बरसात में।

(1989)