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खूब सिक्का चला आपका / नन्दी लाल
Kavita Kosh से
खूब सिक्का चला आपका।
हो गया बावला आपका।
मेरे घर तक उजाला हुआ,
दिल बराबर जला आपका।
यूँ ही चलता रहा आज तक,
प्यार का सिलसिला आपका।
मन धुला या धुला हो न हो,
खूब चेहरा धुला आपका।
सबको देखा किये उम्र भर,
हाय क्या हौसला आपका।
कल भी था आज भी रंग में,
क्या अजब जलजला अपका।
सेंध घर में हमारी लगी,
दोस्त आना खला आपका।